तऱ्पतम्तॊम्पतम् ताऩाम् अचिपतम् तॊऱ्पतम् मूऩ्ऱुम् तुरियत्तुत् तोऱ्ऱवे निऱ्पतु उयिर्परम् निकऴ्चिव मुम् मूऩ्ऱिऩ् चॊऱ्पत माकुम् तॊन्तत् तचिये.
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तॊन्तत् तचिमूऩ्ऱिल् तॊल्का मियमाति तॊन्तत् तचिमूऩ्ऱिल् तॊल्ता मतमाति वन्त मलम्कुणम् माळल् चिवम् तोऩ्ऱ इन्तुविऩ् मुऩ्इरुळ् नीङ्कुतल् ऒक्कुमे.
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2
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तॊन्तत् तचिय वाचियिल् तोऱ्ऱिये अन्त मुऱैईरैन् ताक मतित्तिट्टु अन्त मिलात अवत्तैअव् वाक्कियत्(तु) उन्तु मुऱैयिल् चिव मुऩ्वैत् तोतिटे.
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3
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वैत्तुच् चिवत्तै मतिचॊरू पाऩन्तत्तु उय्त्तुप् पिरणव माम्उप तेचत्तै मॆय्त्त इतयत्तु विट्टिटु मॆय्युणर्न्तु अत्तऱ् कटिमै अटैन्तुनिऩ् ऱाये.
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4
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तॊम्पतम् मायैयुळ् तोऩ्ऱिटुम् तऱ्पतम् अम्परै तऩ्ऩिल् उतिक्कुम् अचिपतम् नम्पुऱु चान्तियिल् नण्णुम् अव्वाक्किय उम्पर् उरैतॊन्तत् तचि वा चियावे.
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5
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आकिय अच्चोयम् तेवतत् तिऩ्इटत्तु आकि यवैविट्टाल् कायम् उपाताऩम् एकिय तॊम् `तत् तचि` ऎऩ्प मॆय्यऱि वाकिय चीवऩ् परचिव ऩामे.
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6
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तामत कामिय माति तकुकुणम् आम्मलम् मूऩ्ऱुम् अकरा उकारत्तोटु आम्अऱुम् अव्वुम्उव्वुम् मव्वाय् उटल्मूऩ्ऱिऩिल् ताम्आम् तुरियमुम् तॊम्तत् तचियते. 27,
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