पाट अटियार्, परवक् कण्टेऩ्; पत्तर् कणम् कण्टेऩ्; मॊय्त्त पूतम् आटल् मुऴवम् अतिरक् कण्टेऩ्; अङ्कै अऩल् कण्टेऩ्; कङ्कैयाळैक् कोटल्, अरवु, आर् चटैयिल् कण्टेऩ्; कॊक्किऩ् इतऴ् कण्टेऩ्; कॊऩ्ऱै कण्टेऩ्; वाटल्-तलै ऒऩ्ऱु कैयिल् कण्टेऩ्-वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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पालिऩ् मॊऴियाळ् ओर् पाकम् कण्टेऩ्; पतिऩॆण्कणमुम् पयिलक् कण्टेऩ्; नील निऱमुण्ट कण्टम् कण्टेऩ्; नॆऱ्ऱि-नुतल् कण्टेऩ्; पॆऱ्ऱम् कण्टेऩ्; कालैक् कतिर् चॆय् मतियम् कण्टेऩ्; करन्तै तिरुमुटिमेल्-तोऩ्ऱक् कण्टेऩ्; मालैच् चटैयुम् मुटियुम् कण्टेऩ्-वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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मण्णैत् तिकऴ नटम् अतु आटुम्, वरै चिलम्पु आर्क्किऩ्ऱ, पातम् कण्टेऩ्; विण्णिल्-तिकऴुम् मुटियुम् कण्टेऩ्; वेटम् पल आम् चरितै कण्टेऩ्; नण्णिप् पिरिया मऴुवुम् कण्टेऩ्; नालुमऱै अङ्कम् ओतक् कण्टेऩ्; वण्णम् पॊलिन्तु-इलङ्कु कोलम् कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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विळैत्त पॆरुम् पत्ति कूर, निऩ्ऱु मॆय् अटियार् तम्मै विरुम्पक् कण्टेऩ्; इळैक्कुम् कतम् नाकम् मेऩि कण्टेऩ्; ऎऩ् पिऩ्कलम् तिकऴ्न्तु तोऩ्ऱक् कण्टेऩ्; तिळैक्कुम् तिरुमार्पिल् नीऱु कण्टेऩ्; चेण् आर् मतिल् मूऩ्ऱुम् पॊऩ्ऱ, अऩ्ऱु, वळैत्त वरिचिलैयुम् कैयिल् कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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काऩ् मऱैयुम् पोतकत्तिऩ् उरिवै कण्टेऩ्; कालिल् कऴल् कण्टेऩ्; करियिऩ् तोल् कॊण्टु ऊऩ् मऱैयप् पोर्त्त वटिवुम् कण्टेऩ्; उळ्क मऩम्वैत्त उणर्वुम् कण्टेऩ्; नाल् मऱैयाऩोटु नॆटिय मालुम् नण्णि वरक् कण्टेऩ्; तिण्णम् आक माऩ्मऱि तम् कैयिल् मरुवक् कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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अटि आर् चिलम्पु ऒलिकळ् आर्प्पक् कण्टेऩ्; अव् अवर्क्के ईन्त करुणै कण्टेऩ्; मुटि आर् चटैमेल् अरवम् मूऴ्क मूरिप् पिऱै पोय् मऱैयक् कण्टेऩ्; कॊटि, आर्, अतऩ्मेल् इटपम् कण्टेऩ्; कोवणमुम् कीळुम् कुलावक् कण्टेऩ्; वटि आरुम् मू इलै वेल् कैयिल् कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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कुऴै आर् तिरुत्तोटु कातिल् कण्टेऩ्; कॊक्करैयुम् चच्चरियुम् कॊळ्कै कण्टेऩ्; इऴै आर् पुरि नूल् वलत्ते कण्टेऩ्; एऴ् इचै याऴ्, वीणै, मुरलक् कण्टेऩ्; तऴै आर् चटै कण्टेऩ्; तऩ्मै कण्टेऩ्; तक्कैयॊटु ताळम् कऱङ्कक् कण्टेऩ्; मऴै आर् तिरुमिटऱुम् मऱ्ऱुम् कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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पॊरुन्तात चॆय्कै पॊलियक् कण्टेऩ्; पोऱ्ऱु इचैत्तु विण्णோर् पुकऴक् कण्टेऩ्; परिन्तार्क्कु अरुळुम् परिचुम् कण्टेऩ्; पार् आकिप् पुऩल् आकि निऱ्कै कण्टेऩ्; विरुन्तु आय्प् परन्त तॊकुति कण्टेऩ्; मॆल्लियलुम् विनायकऩुम् तोऩ्ऱक् कण्टेऩ्; मरुन्तु आय्प् पिणि तीर्क्कुम् आऱु कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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मॆय् अऩ्पर् आऩार्क्कु अरुळुम् कण्टेऩ्; वेटुवऩाय् निऩ्ऱ निलैयुम् कण्टेऩ्; कै अम्पु अरण् ऎरित्त काट्चि कण्टेऩ्; कङ्कणमुम्, अङ्कैक् कऩलुम्, कण्टेऩ्; ऐयम् पल ऊर् तिरियक् कण्टेऩ्; अऩ्ऱवऩ् तऩ् वेळ्वि अऴित्तु उकन्तु, वैयम् परव इरुत्तल् कण्टेऩ्-वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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कलङ्क इरुवर्क्कु अऴल् आय् नीण्ट कारणमुम् कण्टेऩ्; करु आय् निऩ्ऱु, पलङ्कळ् तरित्तु, उकन्त पण्पुम् कण्टेऩ्; पाटल् ऒलि ऎलाम् कूटक् कण्टेऩ्; इलङ्कैत् तलैवऩ् चिरङ्कळ् पत्तुम् इऱुत्तु, अवऩुक्कु ईन्त पॆरुमै कण्टेऩ्; वलङ्कैत् तलत्तुळ् अऩलुम् कण्टेऩ्- वाय्मूर् अटिकळै नाऩ् कण्ट आऱे!.
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